Health News: खाने में ट्रांस फैट और कम करने की तैयारी, जानिए FSSAI का क्या है नया नियम
Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) ने सभी खाद्य पदार्थों (food items) में ट्रांस फैट्स की सीमा को तय कर दिया है.
FSSAI ने Food Products में ट्रांस फैट्स की सीमा को तय कर दिया है. (फाइल फोटो)
FSSAI ने Food Products में ट्रांस फैट्स की सीमा को तय कर दिया है. (फाइल फोटो)
FSSAI new Regulation: अगर आप बहुत ज्यादा चिप्स, पिज्जा और तमाम तरह के जंक फूड्स खाते हैं तो आपको हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल्ली की बीमारियों का खतरा रहता है. आप में से बहुत से लोगों को ये पता भी होगा कि इसकी सबसे बड़ी वजह है ट्रांस फैट्स (trans fats), जिसका इस्तेमाल कंपनियां खाने-पीने की चीजों में करती हैं जिससे वो लंबे समय तक खराब न हों.
ट्रांस फैट्स की सीमा तय (Trans fats limit fixed)
Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) ने सभी Food Products में ट्रांस फैट्स की सीमा को तय कर दिया है. FSSAI की ओर से एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि भारत अब उन कई देशों में शामिल हो गया है जहां ट्रांस फैट्स को खत्म करने की बेस्ट पॉलिसी का पालन किया जाता है.
3 परसेंट से ज्यादा ट्रांस फैट नहीं (Trans fat not more than 3 percent)
FSSAI के मुताबिक 'ऐसे तकरीब 40 देश हैं जहां ट्रांस फैट्स को लेकर पॉलिसीज बनाई गईं हैं. एशिया की बात करें तो थाइलैंड के बाद भारत पहला देश है जिसने ट्रांस फैट खत्म करने की बेस्ट प्रैक्टिस पॉलिसी बनाई है.' 29 दिसंबर 2020 को नोटिफाई किए गए रेगुलेशन में FSSAI ने इंडस्ट्रियल TFA (trans fatty acids) को सभी फैट्स और तेलों में ज्यादा से ज्यादा 3 परसेंट तक सीमित कर दिया है. यानी 3 परसेंट से ज्यादा ट्रांस फैट्स का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. ये नियम जनवरी 2021 से लागू है.
TRENDING NOW
2022 में और कम करना होगा ट्रांस फैट (Trans fat will be reduced further in 2022)
इसके अगले साल 2022 में ट्रांस फैट्स की लिमिट को घटाकर 2 परसेंट कर दिया जाएगा. पिछले महीने ही फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (Prohibition and Restrictions on Sales) दूसरा संशोधन कानून, 2021 को लागू किया गया है. इस रेगुलेशन में कहा गया है कि सभी खाद्य पदार्थ (Food products) जिसमें खाने वाले तेल और फैट्स का इस्तेमाल होता है, उसमें इंडस्ट्रियल ट्रांस फैटी एसिड 2 परसेंट से ज्यादा नहीं हो सकता. ये नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होगा.
क्या होता है ट्रांस फैट (What is trans fat)
ट्रांस फूड हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाला हानिकारक पदार्थ है. इसे ट्रांस फैटी एसिड ( Trans Fatty Acid) के नाम से भी जाना जाता हैं. ट्रांस फैट हमारे शरीर के लिए नुकसानदेह होता है और इसकी वजह से कई गंभीर बीमारियां भी होती हैं. ट्रांस फैट को हम खराब फैट भी कह सकते हैं इसलिए खुद को Healthy रखने के लिए इसकी जानकारी जरूरी है. यदि आपके खाने में ट्रांस फैट ज्यादा है तो यह बुरे कैलेस्ट्रोल ( LDL– Low-density Lipoprotein) की मात्रा को बढ़ाता है और अच्छे कैलेस्ट्रोल ( High-density Lipoprotein) को कम करता हैं. जिसके हृदय रोग (heart disease) का खतरा काफी बढ़ जाता हैं.
कुछ ट्रांस फैट वाले फूड प्रोड्क्ट (Some trans fat food products)
बाजार में मिलने वाली तली भुनी चीजें जैसे समोसा, पराठा, आलू टिक्की, फ्रेंच फ्राइज, आलू-पूरी, छोले-भटूरे, फास्ट फूड्स (बर्गर, पिज्जा, डोंट्स, सैंडविच आदि ) Trans Fat Foods की केटेगरी में ही आते हैं.
Zee Business App: पाएं बिजनेस, शेयर बाजार, पर्सनल फाइनेंस, इकोनॉमी और ट्रेडिंग न्यूज, देश-दुनिया की खबरें, देखें लाइव न्यूज़. अभी डाउनलोड करें ज़ी बिजनेस ऐप.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
03:19 PM IST